सांसद बलूनी ने लुप्त हो रहे लोक पर्व ईगास को पुनर्जीवित किया अब नए साल में लिया एक औरमहत्वपूर्ण सामाजिक संकल्प एक रिपोर्ट

बलूनी ने कहा कि मित्रों, आपने और हमने जिस तरह लुप्त हो रहे हमारे महत्वपूर्ण लोक पर्व ईगास को पुनर्जीवित किया है और आज ईगास उत्तराखंड से बाहर भी अपनी पहचान बना रहा है, इसी तरह का एक महत्वपूर्ण सामाजिक संकल्प की नव वर्ष-2025 के शुभारंभ पर शुरुआत कर रहा हूं, मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप इस अभियान में भी मेरा मजबूती से साथ देंगे।
मैंने कुछ वर्ष पूर्व पलायन और पहाड़ो में घटती हुई विधानसभा सीटों को लेकर “अपना वोट – अपने गांव” अभियान प्रारंभ किया था। अब 2025 में इसे आगे बढ़ाने का संकल्प है।
बलूनी ने कहा कि 2002 में पर्वतीय जिलों में हमारी जितनी विधानसभा सीटें थी, 2012 में अनेक सीटें घट गई और फिर से आगामी परिसीमन में उनका घटना तय है। सीटों की कमी हमारे पर्वतीय क्षेत्रों के जन प्रतिनिधित्व को कम करती हैं। भविष्य में इसके परिणाम पर्वतीय अंचलों के विकास की दृष्टि से सुखद नहीं होंगे।
अनगिनत संघर्ष और बलिदानों के बाद पृथक राज्य बनाने की परिकल्पना भी निरर्थक साबित होगी। इसलिए शहीदों के सपनों के राज्य को बनाने और संवारने के लिए हमें पर्वतीय अंचलों की सीटों को घटने से बचाना होगा।
मैं इस अभियान के तहत देश-विदेश में रह रहे लगभग 10 लाख प्रवासी उत्तराखण्डियों के बीच जाकर सीधा संवाद करूंगा और अपनी लोकसभा सीट गढ़वाल में 1 लाख प्रवासियों के वोटों को उनके मूल गांव के बूथ पर स्थानांतरित करने का संकल्प है।
मेरा संकल्प है प्रवासी अपने गांव आयें, अपनी नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़े, अपने तीज – त्यौहारों, मेलों और आयोजनों में भागीदारी करें। अपने इष्ट देव के मंदिरों का रख रखाव करें और पहाड़ों के विकास में भागीदार बनें।
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